
प्रसन्नता एक ऐसा एहसास है जिसे जब हम दूसरों के साथ साझा करते हैं, तो यह न केवल उनके जीवन को रोशन करता है, बल्कि हमारे अपने जीवन में भी सकारात्मकता लाता है। जब हम खुशियाँ बांटते हैं, तो वे हम पर भी लौटती हैं।
इसका मुख्य कारण यह है कि खुशी का प्रभाव संक्रामक होता है। जब हम दूसरों को हंसते-खिलखिलाते देखते हैं या उन्हें खुश करने की कोशिश करते हैं, तो हमारी अपनी आत्मा में भी एक हलचल होती है। यह एक सकारात्मक चक्र की तरह काम करता है, जो हम सभी को जोड़ता है।
इसलिए, हमें अपनी खुशी को बांटने में संकोच नहीं करना चाहिए। जब हम एक-दूसरे के साथ प्रेम, सहानुभूति और खुशी का आदान-प्रदान करते हैं, तब हम न केवल अपने जीवन को सार्थक बनाते हैं, बल्कि एक सहयोगी और खुशहाल समाज की नींव भी रखते हैं।
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