Uttarakhand: Bharat Kee Daivik Rajadhanee उत्तराखंड: भारत की दैविक राजधानी

उत्तराखंड: भारत की दैविक राजधानीउत्तराखंड, भारत के उत्तरी भाग में स्थित एक राज्य है जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिकता, और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के प्रमुख तीर्थ स्थल, प्राकृतिक आश्चर्य, और धार्मिक धरोहर उसकी महत्वपूर्णता को प्रकट करते हैं।

प्रमुख तीर्थ स्थल:

उत्तराखंड में चार धाम (बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमनोत्री, और गंगोत्री) और हेमकुंड साहिब जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। यहाँ के तीर्थों पर लाखों श्रद्धालुओं की आत्मिक अभिवादना होती है और धार्मिक अनुष्ठान एवं साधना का अवसर प्रदान किया जाता है।

प्राकृतिक सौंदर्य:

उत्तराखंड का प्राकृतिक सौंदर्य अद्वितीय है। यहाँ के आकर्षक पहाड़ी श्रृंग, गहरे घाटियाँ, बहुमुखी नदियाँ, वन्यजीवन, और शानदार झीलें पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करती हैं।

धार्मिक विरासत:

उत्तराखंड की धार्मिक विरासत भारतीय संस्कृति के मौलिक तत्वों को प्रतिबिम्बित करती है। यहाँ के मंदिर, धार्मिक संग्रहालय, और साधु-संतों के आश्रम धार्मिकता के प्रति लोगों की आस्था और श्रद्धा का प्रमुख केंद्र हैं।

समृद्ध और प्रगतिशील समाज:

उत्तराखंड का समृद्ध और प्रगतिशील समाज उसे और भी आकर्षक बनाता है। यहाँ का खानपान, स्थानीय संस्कृति, और सामाजिक समृद्धि पर्यटकों को अनुभव और आत्मसात कराते हैं।

धार्मिक राजधानी की भूमिका:

इस प्रकार, उत्तराखंड भारत की दैविक राजधानी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहाँ के धार्मिक और आध्यात्मिक संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य, और समृद्ध समाज उसे एक विशेष और मनोहारी स्थान बनाते हैं जो भारतीय संस्कृति के अद्वितीय अंग को प्रतिबिम्बित करता है।

उत्तराखंड: भारत की दैविक राजधानी

 

उत्तराखंड में स्थित चार चार धाम

उत्तराखंड में स्थित चार धाम हिन्दू धर्म के पवित्र स्थल हैं जो चारों दिशाओं में स्थित हैं। ये चार धाम हैं:

1. यमुनोत्री: यह धाम यमुना नदी के उत्तरी धारा पर स्थित है। यहाँ पर यमुना की पूजा की जाती है और यह स्थान माता यमुना को समर्पित है।

2. गंगोत्री: गंगोत्री गंगा नदी का उत्तरी धारा पर स्थित है। यहाँ पर गंगा माता की पूजा की जाती है और यह स्थान माता गंगा को समर्पित है।

3. केदारनाथ: केदारनाथ हिमालय की पश्चिमी ओर स्थित है। यह धाम भगवान शिव को समर्पित है और यहाँ पर केदारनाथ मंदिर स्थित है।

4. बद्रीनाथ: बद्रीनाथ हिमालय की पूर्वी ओर स्थित है। यह धाम भगवान विष्णु को समर्पित है और यहाँ पर बद्रीनाथ मंदिर स्थित है।

ये चार धाम हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण स्थल हैं और धार्मिक यात्रियों के लिए अत्यंत पवित्र माने जाते हैं।

उत्तराखंड में चार धाम के अलावा

चार धाम के अलावा, उत्तराखंड में कई और महत्वपूर्ण धाम हैं जो भक्तों द्वारा दर्शन करने के लिए जाते हैं। यहाँ कुछ मुख्य धाम हैं:

1. हेमकुण्ड साहिब: यह धाम गढ़वाल क्षेत्र में स्थित है और गुरु गोविन्द सिंह जी के समर्पित है।

2. ज्योतिर्मथ: यह स्थान बद्रीनाथ के निकट स्थित है और इसमें आदि शंकराचार्य का जन्मस्थल है।

3. नैनीताल: यह धाम नैनीताल झील के किनारे स्थित है और यहाँ पर मां नैना देवी का मंदिर है।

4. रिषिकेश: यह धाम गंगा नदी के किनारे स्थित है और यहाँ पर ध्यान और आध्यात्मिकता के लिए प्रसिद्ध है।

5. हरिद्वार: यह भी गंगा नदी के किनारे स्थित है और हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है।

ये सभी धाम उत्तराखंड में धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ पर्यटन के लिए भी अत्यंत लोकप्रिय हैं।

उत्तराखंड में स्थित हेमकुंड साहिब

हेमकुण्ड साहिब उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित एक प्रमुख धाम है जो गुरु गोविन्द सिंह जी को समर्पित है। यह स्थान धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्त्व का धारक है।

1. इतिहास: हेमकुण्ड साहिब का स्थापना श्री गुरु गोविन्द सिंह जी द्वारा किया गया था, जो सिख धर्म के नवजागरू थे। उन्होंने इस स्थान पर ध्यान और आध्यात्मिक साधना की थी।

2. प्राचीनता: हेमकुण्ड साहिब का स्थान बहुत प्राचीन है और इसे गुरु गोविन्द सिंह जी की तपोभूमि माना जाता है।

3. मंदिर: हेमकुण्ड साहिब में एक गुरुद्वारा है जिसे सिख समुदाय की समाज की सेवा और ध्यान के लिए समर्पित किया गया है।

4. पर्यटन: यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य और सांत्वना के साथ-साथ आध्यात्मिक वातावरण ने हेमकुण्ड साहिब को पर्यटन का भी एक प्रमुख केंद्र बना दिया है।

हेमकुण्ड साहिब धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण स्थल है जो ध्यान, साधना, और शांति की खोज में आते हैं।

उत्तराखंड का चमोली जिला

चमोली जिला उत्तराखंड का एक प्रमुख जिला है जो प्राचीनतम धार्मिक स्थलों और मंदिरों का घर है। यहाँ कई प्राचीन और महत्वपूर्ण मंदिर हैं, जो धार्मिक और आध्यात्मिक महत्त्व के साथ-साथ तपस्या के स्थल के रूप में भी माने जाते हैं।

1. तुंगनाथ मंदिर: यह मंदिर हिमालय के श्रृंगीश पर्वत पर स्थित है और भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर पाँच केदारों में से एक है और यहाँ की शिवलिंग अत्यंत प्रसिद्ध है।

2. कालीनाथ मंदिर: यह मंदिर भगवान कालीनाथ को समर्पित है और यह तपस्या के स्थल के रूप में माना जाता है। इसका स्थान हिमालय के पास है और यहाँ प्राचीनतम मंदिरों में से एक है।

3. आदि केदार मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसका स्थान हिमालय के श्रृंगीश पर्वत पर है। यह भी धार्मिक तपस्या के स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।

4. उत्तरी धामण मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहाँ प्राचीनतम धार्मिक स्थलों में से एक है। यह तपस्या के लिए भी महत्वपूर्ण है।

चमोली जिला के इन मंदिरों में प्राचीनता, धार्मिक महत्व, और तपस्या का आत्मिक वातावरण है जो यात्रियों को आकर्षित करता है।

उत्तराखंड में स्थित रुद्रप्रयाग

रुद्रप्रयाग उत्तराखंड के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है जो प्राचीन मंदिरों और तपस्या स्थलों का घर है। यहाँ पर कुछ महत्वपूर्ण मंदिर और तपस्या स्थल हैं:

1. रुद्रनाथ मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहाँ प्राचीन शिवलिंग है। यहाँ पर धार्मिक आराधना के लिए भक्त आते हैं।

2. चंद्रपर्याग: यह एक और प्रमुख तीर्थस्थल है जो रुद्रप्रयाग में स्थित है। यहाँ पर चंद्रग्रहण मेले के दौरान लोग आते हैं।

3. कोटेश्वर महादेव मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहाँ प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। यहाँ पर भक्तों की आराधना होती है।

4. धारादेवी मंदिर: यह मंदिर मां धारा को समर्पित है और यहाँ प्राचीन मंदिर हैं। यहाँ पर तपस्या और आराधना का माहौल है।

रुद्रप्रयाग में ये स्थल धार्मिक और आध्यात्मिकता के लिए महत्वपूर्ण हैं और यहाँ के प्राचीनतम मंदिर और तपस्या स्थल यात्रियों को अपनी शांति और आध्यात्मिकता की खोज में आकर्षित करते हैं।

उत्तराखंड के सभी जिले

आपके प्रश्न के अनुसार, यहाँ उत्तराखंड के कुछ महत्वपूर्ण जिलों की खासियत विस्तार पूर्वक उल्लेख किए गए हैं:

1. हरिद्वार: हरिद्वार जिला गंगा नदी के तट पर स्थित है और हिन्दू धर्म के पावन स्थलों में से एक है। यहाँ पर हर कुंभ मेला के दौरान लाखों लोग आते हैं।

2. नैनीताल: नैनीताल जिला उत्तराखंड की पर्यटन की राजधानी है, जिसे ‘उत्तराखंड का लेक सिटी’ भी कहा जाता है। यहाँ पर नैनीताल झील और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।

3. पौड़ी गढ़वाल: पौड़ी गढ़वाल जिला प्राकृतिक सौंदर्य, पर्वतीय परिदृश्य, और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर आदि शंकराचार्य का जन्मस्थल भी है।

4. पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ जिला हिमालय की गोदी में स्थित है और पर्यटन के लिए लोकप्रिय है। यहाँ पर प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक स्थल, और रोमांचक रिजार्ट्स हैं।

5. रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग जिला हिमालय के पार्वतीय भाग में स्थित है और यहाँ पर रुद्रनाथ मंदिर और चंद्रपर्याग का संगम है।

6. टिहरी गढ़वाल: टिहरी गढ़वाल जिला गंगा और भागीरथी नदियों के बीच स्थित है और हिमालय की खूबसूरत पहाड़ियों से घिरा है।

7. उधम सिंह नगर: यह उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के पास स्थित है और यहाँ प्रमुख सरकारी और विद्यालयिक संस्थान हैं।

8. उत्तरकाशी: उत्तरकाशी जिला हिमालय के शिखरों के बीच स्थित है और यहाँ पर केदारनाथ और यमुनोत्री जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल हैं।

9. अल्मोड़ा जिला: उत्तराखंड के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित – प्रमुख शहर: अल्मोड़ा – विशेषताएं: प्राचीन ऐतिहासिक स्थलों, पर्यटन और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।

10. बागेश्वर जिला: कुमाऊं क्षेत्र में स्थित – प्रमुख शहर: बागेश्वर। – विशेषताएं: प्राचीन मंदिरों, उत्तराखंड के धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।

11. चमोली जिला: हिमालय के गोदी में स्थित – प्रमुख शहर: गोपेश्वर- विशेषताएं: प्राचीन मंदिर, तीर्थस्थल, और आध्यात्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।

12. चंपावत जिला: कुमाऊं क्षेत्र में स्थित – प्रमुख शहर: लोहागांव।- विशेषताएं: खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य, वन्यजीवन, और पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।

13. देहरादून जिला: उत्तराखंड के उत्तरी क्षेत्र में स्थित- प्रमुख शहर: देहरादून – विशेषताएं: राजमार्ग, पर्यटन, शिक्षा, और विभिन्न सरकारी अधिकारियों के मुख्यालय हैं।

उत्तराखंड के प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान

यहाँ उत्तराखंड में कुछ प्रमुख शिक्षण संस्थानों का विवरण दिया गया है:

1. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रूरकी (IIT Roorkee):

– IIT Roorkee भारतीय इंजीनियरिंग शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में एक प्रमुख संस्थान है।

– यहाँ विभिन्न अध्ययन क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के अवसर हैं, जैसे कि इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, विज्ञान, आदि।

2. कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल (Kumaun University, Nainital):

– कुमाऊं विश्वविद्यालय उत्तराखंड के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक है।

– इसमें विभिन्न कोर्सेज और पाठ्यक्रमों के अवसर हैं, जो कि कला, विज्ञान, व्यावसायिक अध्ययन, सामाजिक विज्ञान, आदि क्षेत्रों में शामिल हैं।

3. गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा (Govind Ballabh Pant University of Agriculture and Technology, Pantnagar):

– यह एक प्रमुख कृषि और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्वविद्यालय है।

– यहाँ पर कृषि, प्रौद्योगिकी, पशुपालन, आदि के क्षेत्र में उच्च शिक्षा के अवसर हैं।

4. उत्तराखंड विश्वविद्यालय, देहरादून (Uttarakhand University, Dehradun):

– यह एक अन्य प्रमुख विश्वविद्यालय है जो कि विभिन्न क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करता है।

– इसमें विभिन्न कला, विज्ञान, प्रबंधन, लॉ आदि के कोर्सेज हैं।

5. डोन बस्को टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, देहरादून (Doon University of Technology, Dehradun):

– यह एक अन्य प्रमुख विश्वविद्यालय है जो कि प्रौद्योगिकी और अभियांत्रिकी के क्षेत्र में उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करता है।

– इसमें विभिन्न अध्ययन क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के प्रोग्राम्स उपलब्ध हैं, जैसे कि इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, आदि।

उत्तर भारत की धार्मिक राजधानी

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून है, जो कि राज्य की सियासी और प्रशासनिक राजधानी है। देहरादून एक महत्वपूर्ण शिक्षा, विज्ञान, और आर्थिक केंद्र भी है।

हरिद्वार, दूसरी ओर, धार्मिक और आध्यात्मिक धरोहर की राजधानी के रूप में जानी जाती है। यहाँ पर हिन्दू धर्म के पावन स्थलों, जैसे कि हर की पौड़ी, चंडीदेवी मंदिर, मनसा देवी मंदिर, आदि हैं। हरिद्वार गंगा नदी के तट पर स्थित है और हरिद्वार में हर कुंभ मेला भी आयोजित किया जाता है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है।

इस प्रकार, देहरादून राज्य की नैतिक और सियासी राजधानी होती है, जबकि हरिद्वार धार्मिक और आध्यात्मिक राजधानी के रूप में मानी जाती है।

उत्तराखंड घूमने के लिए उपयुक्त समय

उत्तराखंड का पर्यटन विशेषतः दो समयों में अत्यंत आकर्षक होता है: गर्मियों (मार्च से जून) और सर्दियों (अक्टूबर से दिसंबर)।

1. गर्मियों में:

– गर्मियों में उत्तराखंड का मौसम सुहावना होता है, जिससे पर्यटक पर्यटन का आनंद ले सकते हैं।

– इस समय पर पर्यटक शिमला, मसूरी, नैनीताल, कौसानी, और चौरासी कोटी जैसे पर्यटन स्थलों का दौरा कर सकते हैं।

– गर्मियों में यात्रा के लिए सर्दी से बचाव के लिए सुविधाजनक होता है।

2. सर्दियों में:

– सर्दियों में उत्तराखंड में बर्फ की चादर सजती है और पर्यटकों को बर्फ की खेल का आनंद लेने का अवसर मिलता है।

– यहाँ पर्यटक स्कीइंग, स्नोबोर्डिंग, और आइस स्केटिंग का आनंद ले सकते हैं।

– सर्दियों में यात्रा करने के लिए गर्म कपड़े, बूट, और अन्य सर्दी से सुरक्षित सामग्री का प्रयोग किया जाना चाहिए।

उत्तराखंड में पर्यटन की अनेक सुविधाएं होती हैं, जैसे कि:

– आरामदायक होटल्स और रिसॉर्ट्स

– गाइड और ट्रैकर्स की सेवाएं

– पर्यटन के लिए यात्रा पैकेज

– राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों की सुविधाएं और दर्शनीय स्थलों की यात्रा।

उत्तराखंड के लोग और खानपान

उत्तराखंड के व्यक्ति सामान्य रूप से उदार, सादगीपूर्ण, और परंपरागत मूल्यों के पक्षपात और मान्यताओं को मानते हैं। वे अपने राज्य की स्थानीय संस्कृति और ट्रेडिशनल जीवनशैली को महत्वपूर्ण मानते हैं।

1. खानपान:

– उत्तराखंड के लोगों का भोजन मुख्य रूप से स्थानीय अनाज, सब्जियों, दालों, और मिठाईयों पर आधारित होता है।

– उनका भोजन ज्यादातर मिक्स दाल, चावल ,राजमा और अनेक प्रकार के सब्जियां के साथ होता है।

– परंपरागत उत्तराखंडी भोजन में देसी घी, अदरक, लहसुन, और मसाले का प्रयोग किया जाता है, जो उनके भोजन को स्वादिष्ट और पोषणीय बनाता है।

2. रहन-सहन:

– उत्तराखंड के लोग अपने परंपरागत रहन-सहन को महत्वपूर्ण मानते हैं। वे परंपरागत पहाड़ी घरों में रहते हैं, जिनमें खड़ी चटाई और लकड़ी की छत होती है।

– उनके रहन-सहन का स्वाभाविक हिस्सा गर्म और लंबे कपड़े, उनकी टोपी, और स्थानीय संगीत और नृत्य होते हैं।

3. भक्तों के साथ व्यवहार:

– उत्तराखंड के लोग धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताओं का आदर करते हैं और आमतौर पर अपने भक्तों के साथ आदर्श व्यवहार करते हैं।

– उनके धार्मिक त्योहारों और यात्राओं में भक्तों का स्वागत और सेवा करना उनकी पारंपरिक प्रथा है।

इस प्रकार, उत्तराखंड के लोगों की जीवनशैली और उनका भोजन-व्यवहार उनकी स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को प्रतिबिम्बित करता है और इस राज्य को विशेष बनाता है।

उत्तराखंड -हिमालय की प्राकृतिक स्थिति

उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक सौंदर्य उसे एक अद्वितीय स्थान बनाते हैं। यह राज्य हिमालय की गोद में स्थित है और उसके बड़े हिस्से को शिमला, गर्मीयों, और पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ साझा किया जाता है।

1. भौगोलिक स्थिति:

– उत्तराखंड का परिवेश हिमालय के उच्च शिखरों, घाटियों, नदियों, और झीलों से भरा हुआ है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता अत्यधिक मनमोहक है।

– राज्य के उत्तरी हिस्से में हिमालय हैं, जो कि बहुत ही प्राकृतिक और शांतिपूर्ण माहौल प्रदान करते हैं।

– दक्षिणी उत्तराखंड में प्लेटो क्षेत्र है, जिसमें घाटीयों, नदियों, और घने वनों का संगम है।

2. खुशहाली:

– उत्तराखंड की खुशहाली उसकी प्राकृतिक समृद्धि, अनूठी संस्कृति, और लोगों की सामूहिक आत्मविश्वास की अद्वितीय विशेषताओं में निहित है।

– राज्य में एक बहुत ही अच्छी जीवन शैली है और यहाँ के लोग सामाजिक और आर्थिक रूप से खुशहाल हैं।

– पर्यटन उत्तराखंड के लिए एक महत्वपूर्ण आय श्रोत है, जो कि राज्य के विकास और खुशहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस प्रकार, उत्तराखंड का भौगोलिक स्थिति उसे प्राकृतिक सौंदर्य का एक अद्वितीय केंद्र बनाता है, जो राज्य की खुशहाली के लिए महत्वपूर्ण है। इसकी प्राकृतिक विविधता, शांतिपूर्ण माहौल, और अनूठी संस्कृति राज्य को भारत का एक अनोखा गहना बनाते हैं।

 

Kedaranath Yatra Darshan केदारनाथ यात्रा दर्शन

 

Story Analyse 

उत्तराखंड भारतीय सभ्यता, धार्मिकता, और प्राकृतिक सौंदर्य का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहाँ के प्रमुख तीर्थ स्थल, प्राकृतिक आश्चर्य, और धार्मिक विरासत इसकी महत्वपूर्णता को प्रमुखता देते हैं। उत्तराखंड का समृद्ध और प्रगतिशील समाज, उसका प्राकृतिक सौंदर्य, और धार्मिक विरासत उसे विशेष बनाते हैं। इसे एक सामाजिक,

सांस्कृतिक, और आध्यात्मिक गहना के रूप में माना जा सकता है, जो भारतीय संस्कृति के अद्वितीय अंग को प्रतिबिम्बित करता है। इस प्रकार, उत्तराखंड भारत की दैविक राजधानी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 

नम्र निवेदन –
यह लेख आपको कैसा लगा कृपया अपना विचार व्यक्त करें ।’ इस वेबसाइट का एक महत्वपूर्ण पहल है जो हर कहानी को एक नए दृष्टिकोण से विश्लेषित करती है। वेबसाइट का मुख्य उद्देश्य पाठकों को विभिन्न दृष्टिकोणों और विचारों के माध्यम से कहानियों को समझने में मदद करना है। हर वाक्य और विचार एक नए पहलू को प्रकट करता है, जिससे पाठकों को अधिक समझने और सोचने का मौका मिलता है। Story Analyse के एडिटर सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी शब्दों में त्रुटि न हो, ताकि पाठकों को सही और स्पष्ट जानकारी प्राप्त हो। उसके बाद भी शब्दों में त्रुटि हो सकता है, उसके लिए हम अपने तरफ से खेद प्रकट करते हैं। साथ ही हम आपसे त्रुटि दर्शाने अथवा अपने विचार साझा करने के लिए अनुरोध करते हैं। आपका विचार और समय हमारे लिए महत्वपूर्ण योगदान है इसके लिए हम आपका विशेष धन्यवाद!

 

 

 

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