एक विवाह प्रथा

भारत सदैव से परदेसियों को अपने संस्कृति को लेकर आकर्षित करते रहा है। भारतीयों ने कभी लुटेरे बनकर दूसरे देशों पर हमला नहीं किया। जो इस देश को छोड़कर दूसरे देश में बस जाते हैं। वे यह भूल जाते हैं कि दूसरे देशों में उनकी कीमत भारतीय संस्कृति को लेकर हीं लगता है। धोखेबाज और … Read more

प्रसन्नता का आदान-प्रदान

prasannata ka aadaan-pradaan

प्रसन्नता एक ऐसा एहसास है जिसे जब हम दूसरों के साथ साझा करते हैं, तो यह न केवल उनके जीवन को रोशन करता है, बल्कि हमारे अपने जीवन में भी सकारात्मकता लाता है। जब हम खुशियाँ बांटते हैं, तो वे हम पर भी लौटती हैं।

इसका मुख्य कारण यह है कि खुशी का प्रभाव संक्रामक होता है। जब हम दूसरों को हंसते-खिलखिलाते देखते हैं या उन्हें खुश करने की कोशिश करते हैं, तो हमारी अपनी आत्मा में भी एक हलचल होती है। यह एक सकारात्मक चक्र की तरह काम करता है, जो हम सभी को जोड़ता है।

इसलिए, हमें अपनी खुशी को बांटने में संकोच नहीं करना चाहिए। जब हम एक-दूसरे के साथ प्रेम, सहानुभूति और खुशी का आदान-प्रदान करते हैं, तब हम न केवल अपने जीवन को सार्थक बनाते हैं, बल्कि एक सहयोगी और खुशहाल समाज की नींव भी रखते हैं।

 

संयुक्त परिवार

भारत में संयुक्त परिवार की अपनी एक विशिष्ट पहचान है। यह पारंपरिक रूप से भारतीय समाज की एक महत्वपूर्ण संरचना रही है। संयुक्त परिवार में कई पीढ़ियों के सदस्य एक साथ रहते हैं, जैसे माता-पिता, बच्चे, दादा-दादी, चाचा-चाची, आदि। इसमें पारस्परिक सहयोग, सम्मान, और सामूहिक जिम्मेदारियों पर जोर दिया जाता है।संयुक्त परिवार का लाभ यह … Read more

Mitra Ki Paribhasha

Ppमित्र कितने प्रकार के होते हैं,प्रवास का मित्र कैसे समझें,स्त्री घर का मित्र कैसे हो सकती है,मरीज का मित्र कौन हो सकता है,मरने के बाद अपना मित्र कौन,धर्म वास्तव में किसका नुकसान करता है?   मित्रता के बारे में समझने के लिए यह समझना आवश्यक है , मित्र कौन और मित्र किसका? मित्र के प्रकार … Read more

World War Ke Parinam देश युद्ध के परिणाम

विश्व युद्धों का इतिहास हमें यह सिखाता है कि युद्ध का कोई विजयी नहीं होता। युद्ध की जीत हमें केवल नुकसान और विनाश ही देती है। इसलिए, हमें विश्व समृद्धि, शांति, और सहयोग के मार्ग पर चलना चाहिए। यह हमारी आधुनिक मानवता का धर्म है और हमें इसे पालन करना चाहिए ताकि हम सभी एक … Read more

100 Saal Baad Samaaj वर्षों बाद का समाज

चिंतन किया जा सकता है , आने वाले 100 साल बाद अपना  समाज कैसा होगा। यह पूरी तरह से अनुमानित नहीं किया जा सकता है,क्योंकि यह विभिन्न कारकों पर निर्भर करेगा जैसे कि प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, सामाजिक संरचना, राजनीतिक व्यवस्था, और व्यक्तिगत मूल्यों के परिवर्तन। हालांकि, यदि हम समाज के विकास की विचारधारा को ध्यान … Read more