संसार में जब कोई अपना ना हो और जब कोई व्यक्ति अपने को अकेला एवं असहाय महसूस करे , तो वह वास्तव में एक विराने प्रदेश में जीवन जीने जैसा होगा । जीवन को जीने के लिए और सपने को सच करने के लिए अपनों का निर्माण करें, रिश्तों का निर्माण करें। तनहा जीवन मनुष्य को निराशा और उदासी की ओर ले जा सकता है। रिश्तों की गहराई और सामाजिक जुड़ाव जीवन को अर्थ और खुशी प्रदान करते हैं। इसलिए, अपने आसपास के लोगों के साथ संबंध बनाना और उन्हें संजोना बेहद महत्वपूर्ण क्रिया है। सामाजिक दृष्टि से भी यह अत्यावश्यक है।
माता-पिता बोझ नहीं
अपनें अतीत को कोई छोड़ नहीं सकता। अपनें अतीत को साथ लेकर चलना हीं होगा। आप यह मत भुलो अतीत आपके साथ आपकी परछाई बनकर साथ-साथ चल रहा है। आज का जो वर्तमान है वह अतीत के नींव पर टिका हुआ है। आपने यदि अतीत को छोड़ने की कोशिश की तो आपका वर्तमान भी डगमगा … Read more