हाय रे दुश्मनी

सब कहते हैं दुश्मनी करना अच्छा नहीं होता। पर सुनकर बात हजम भी नहीं होता। कारण यदि दुश्मनी करना अच्छा नहीं होता तो फिर लोग यूं दुश्मनी किया क्यों करते। कभी-कभी तो ऐसा भी देखने में आता है  दुश्मनी का न सर  नज़र आता है और ना ही पैर‌। खैर दुश्मनी तो दुश्मनी है । … Read more

इंसान जानवर बना

प्राकृतिक दृष्टि से देखा जाए, तो जानवर और इंसान दोनों का अस्तित्व पृथ्वी पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लाख कोशिशों के बावजूद, कोई जानवर इंसान नहीं बन सकता। जानवरों की अपनी सीमाएँ होती हैं, जो उनके स्वाभाविक गुण और व्यवहार से निर्धारित होती हैं। दूसरी ओर, इंसान अपनी सोच, समझ और नैतिकता के कारण … Read more

सिर्फ अपनें भावनाओं की फिक्र

अक्सर लोग अपनी भावनाओं को ही प्राथमिकता देते हैं और दूसरों की भावनाओं को नजरअंदाज कर देते हैं। इस स्वार्थी दृष्टिकोण से संबंधों में दूरी आ सकती है। अगर हम थोड़ा और सहानुभूति दिखाएं और दूसरों के दृष्टिकोण को समझने की कोशिश करें, तो इससे हमें बेहतर समझ और सामंजस्य मिल सकता है। नहीं तो सामाजिक दृष्टि से देखे तो सबको सिर्फ अपनी भावनाओं की फिक्र है।

Jadoo-tona Kee Vastavikata

दानव कहां रहता है,काला जादू अथवा जादू टोना कैसे कार्य करता है, जादू टोना का वास्तविक आधार क्या है,तंत्र-मंत्र की कड़ियां को समझने के लिए क्या करना पड़ेगा,क्या आत्मा सिर्फ हम मानवों की होती है. जादू टोना वास्तविकता में क्या है, क्या वास्तव में जादू टोने होते हैं, यदि होते हैं तो उसका प्रभाव कैसे … Read more

Manav Yadi Janavar Bana मानव यदि जानवर बना

मानव अथवा इंसान जानवर तो बन सकता है। परन्तु जानवर कभी भी मानव नहीं बन सकते हैं। क्योंकि उनमें मानव की उन विशेषताओं का अभाव होता है जो मानव को अलग बनाती हैं।   लेकिन, एक मानव किसी न किसी कारण से जानवर जैसा व्यवहार कर सकता है। इसमें विभिन्न कारक शामिल हो सकते हैं, … Read more

100 Saal Baad Samaaj वर्षों बाद का समाज

चिंतन किया जा सकता है , आने वाले 100 साल बाद अपना  समाज कैसा होगा। यह पूरी तरह से अनुमानित नहीं किया जा सकता है,क्योंकि यह विभिन्न कारकों पर निर्भर करेगा जैसे कि प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, सामाजिक संरचना, राजनीतिक व्यवस्था, और व्यक्तिगत मूल्यों के परिवर्तन। हालांकि, यदि हम समाज के विकास की विचारधारा को ध्यान … Read more