किसको अपना कहेंगे

किसको कहेंगे अपना, जिसको कहते हैं अपना , करीब से देखो तो पता चलता है वह भी नहीं है अपना। स्वार्थ की नगरी में स्वार्थ के रिश्तेदारी। करीब से देखो पता चलेगा सबको है सिर्फ अपने अहम की पहरेदारी। किसी को भूलकर भी पराया कह दो तो वह रूठ जाता है, आश्चर्य वही लगता है … Read more

सबसे दुःखी इंसान

अक्सर हम अपने दुःख को सबसे बड़ा मानते हैं, क्योंकि हमें अपने अनुभवों का भली-भांति एहसास होता है। लेकिन हर किसी के पास अपनी चुनौतियाँ और कठिनाइयाँ होती हैं। दूर से लगता है कि सामने वाले से ज्यादा हम दुखी हैं। परंतु ऐसा नहीं है हम किसी दूसरे व्यक्ति के जीवन में अंदर तक झांक नहीं सकते। यदि झांक भी सकते तो भी सामने वाले का दुःख महसूस नहीं कर सकते। इस वजह से दुनिया में सबसे ज्यादा हम अपने आप को हीं दुःखी मानते हैं।