एक विवाह प्रथा

भारत सदैव से परदेसियों को अपने संस्कृति को लेकर आकर्षित करते रहा है। भारतीयों ने कभी लुटेरे बनकर दूसरे देशों पर हमला नहीं किया। जो इस देश को छोड़कर दूसरे देश में बस जाते हैं। वे यह भूल जाते हैं कि दूसरे देशों में उनकी कीमत भारतीय संस्कृति को लेकर हीं लगता है। धोखेबाज और मक्कार को कोई पसंद नहीं करता। सनातन शास्त्र में एक नारी युक्त पुरुष को ब्रह्मचारी कहा गया है। हिंदू धर्म में शादी महज़ कॉन्ट्रैक्ट नहीं होता जन्म-जन्मांतर का विचार होता है। क्या कोई कल्पना कर सकता है हमारे पूर्वजों ने एक शादी की प्रथा को प्रचलित नहीं किया होता तो आज हमारे समाज की व्यवस्था क्या होती है?

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