योगी जी को जब उत्तर प्रदेश का कमान दिया गया उस समय बहुत लोगों ने उनका आलोचना किया। दो बार के कार्यकाल में श्री योगी ने साबित कर दिया कि वह राज्य के अआब तक के सबसे योग्य मुख्यमंत्री साबित हुए हैं। श्री योगी ने साबित किया है एक भगवाधारी उत्तम शासक हो सकता है। राजर्षि अर्थात एक राजर्षि, ऋषि और राजा दोनों होता है। जब ऋषि के अंदर राजर्षि का गुण आ जाए तो उससे उत्तम राजा नहीं हो सकता। यह हमारे शास्त्र और पुराण भी विशेष रूप से कहते आए हैं।

सनातन संस्कृति विश्व को साथ लेकर चलने वाला संस्कृति है।
कहा गया है राजा को सदैव निष्पक्ष होना चाहिए। एक राजा के लिए देश का प्रत्येक नागरिक उसका परिवार अथवा उसके संतान की भांति होते हैं। राजा यदि सिर्फ अपने परिवार कल्याण के दृष्टि से राज करने लगा तो वैसे राजा का भ्रष्ट होना। अब तक देश की जनता ने अधिकांश पार्टियों को देखा है जो विशेष कर परिवार कल्याण पार्टी की दृष्टि से हीं पार्टी चला करती है। ऐसी पार्टियों देशवासियों के विषय में थोड़ा और अपने परिवार वासियों के विषय में विशेष सोच कर हीं काम किया करती है।
ऐसी पार्टियों की भी मजबूरी जनता समझ सकती है, कारण परिवार है तो परिवार के विषय में ही सोच कर चलना पड़ेगा। जिसे अपना परिवार है वह पूरे देश को अपना परिवार मान सके ऐसा बहुत कम देखने में आता है। हमारे शास्त्र और पुराणों में अनेक ऐसे राजर्षि महाराजाओं का उल्लेख मिलता है। जिन्होंने परिवार में रहकर भी पूरे देश को परिवार माना। जिनका शासन उदाहरण के तौर पर जाना जाता है।
राजर्षि एक उत्तम शासक
योगी जी कुशल राजर्षि हैं। जब से वे सत्तासीन हुए हैं विपक्ष अपने एजेंडे को लेकर कन्फ्यूज है। निश्चित तौर पर विरोधी भी कुशल राजनीतिज्ञ हैं। परंतु राजनीति एक निश्चित एजेंडे पर हो हीं नहीं सकता। जो समय के अनुसार अपने आपको परिवर्तन ना कर पाए वह राजनीति में लंबा समय तक नहीं चल सकता। श्री योगी ने यह भी साबित किया है कि वे सनातन से हैं , सनातन सबको साथ लेकर चलने के साथ साथ वर्तमान को भी अपना बना कर चलता है। सनातन संस्कृति हीं ऐसी विचारधारा है जो एक साथ पूरे विश्व को लेकर चल सकता है। श्री योगी आदित्यनाथ ने साबित किया है कि एक संत उत्तम से उत्तम शासक हो सकता है।
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