संसार में जब कोई अपना ना हो और जब कोई व्यक्ति अपने को अकेला एवं असहाय महसूस करे , तो वह वास्तव में एक विराने प्रदेश में जीवन जीने जैसा होगा । जीवन को जीने के लिए और सपने को सच करने के लिए अपनों का निर्माण करें, रिश्तों का निर्माण करें। तनहा जीवन मनुष्य को निराशा और उदासी की ओर ले जा सकता है। रिश्तों की गहराई और सामाजिक जुड़ाव जीवन को अर्थ और खुशी प्रदान करते हैं। इसलिए, अपने आसपास के लोगों के साथ संबंध बनाना और उन्हें संजोना बेहद महत्वपूर्ण क्रिया है। सामाजिक दृष्टि से भी यह अत्यावश्यक है।
रामसुखदास जी चरित्र गीताप्रेस
स्वामी जी सरलता और सादगी की मूर्ति,स्वामी श्री रामसुखदास जी के मुख्य कथन, स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज अतुलनीय कैसे, स्वामी जी के प्रशंसक और अनुयाई, रामसुखदास जी की विशेषता स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज अपने आप में सरल और विलक्षण संत रहे। स्वामी जी का सरलता, सादगी और नि:स्वार्थता में पूरे संत समाज में … Read more