सफलता की कहानी

वास्तव में कामयाबी या सफलता किसी का गुलाम नहीं। कोई व्यक्ति जब कुछ पाने का निश्चय करता है तो उसके मन में अनेक प्रकार के ख्याल उत्पन्न होता है। सफलता व्यक्ति से क्या खोजता है? मुझे सफलता कैसे मिले? मैं कामयाब कैसे होऊंगा? अमुक काम मेरा होगा कि नहीं? मुझे अपनों का साथ मिलेगा या … Read more

काश मैं चिड़िया होता

क्या मानव चिड़िया बनकर आनंद उठा सकता है, चिड़िया का वास्तविक जीवन कैसा होता है, एक चिड़िया का दर्द कोई मानव नहीं समझ सकता क्यों? मानव चिड़िया को उड़ते हुए देखकर वैसा ही उड़ना चाहता है। मानव का मन उड़ता हुआ पंछी कहा गया है जो इस डाल पर कब बैठेगा कोई नहीं जानता। दिल … Read more

इंसान जानवर बना

प्राकृतिक दृष्टि से देखा जाए, तो जानवर और इंसान दोनों का अस्तित्व पृथ्वी पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लाख कोशिशों के बावजूद, कोई जानवर इंसान नहीं बन सकता। जानवरों की अपनी सीमाएँ होती हैं, जो उनके स्वाभाविक गुण और व्यवहार से निर्धारित होती हैं। दूसरी ओर, इंसान अपनी सोच, समझ और नैतिकता के कारण … Read more

प्रसन्नता का आदान-प्रदान

prasannata ka aadaan-pradaan

प्रसन्नता एक ऐसा एहसास है जिसे जब हम दूसरों के साथ साझा करते हैं, तो यह न केवल उनके जीवन को रोशन करता है, बल्कि हमारे अपने जीवन में भी सकारात्मकता लाता है। जब हम खुशियाँ बांटते हैं, तो वे हम पर भी लौटती हैं।

इसका मुख्य कारण यह है कि खुशी का प्रभाव संक्रामक होता है। जब हम दूसरों को हंसते-खिलखिलाते देखते हैं या उन्हें खुश करने की कोशिश करते हैं, तो हमारी अपनी आत्मा में भी एक हलचल होती है। यह एक सकारात्मक चक्र की तरह काम करता है, जो हम सभी को जोड़ता है।

इसलिए, हमें अपनी खुशी को बांटने में संकोच नहीं करना चाहिए। जब हम एक-दूसरे के साथ प्रेम, सहानुभूति और खुशी का आदान-प्रदान करते हैं, तब हम न केवल अपने जीवन को सार्थक बनाते हैं, बल्कि एक सहयोगी और खुशहाल समाज की नींव भी रखते हैं।

 

ईश्वर का अस्तित्व चिंतन

  जबकि वेद यह स्पष्ट रूप से कहता है, “जिसने ईश्वर को देखा है, वह ईश्वर को व्यक्त नहीं कर सकता। यदि कोई ईश्वर को व्यक्त किया है इसका मतलब उसने ईश्वर को नहीं देखा।” ऐसे में क्या यह मान लिया जाए कि आज तक ईश्वर को किसी ने नहीं देखा। मित्रों इसका चिंतन और … Read more

प्रेम भावना

अपने अंदर प्रेम का विस्तार कैसे करें,प्रेम क्या खोजता है,कौन है जिसे प्रेम नहीं चाहिए, प्रेम सब के नजरों में अलग-अलग कैसे,क्या प्रकृति हम से प्रेम नहीं खोजता, प्रेम को क्या चाहिए, प्रेम का वास्तविक हकदार कौन,प्रेम का रंग और वास्तविक परिभाषा प्रेम वहां से शुरू होता है, जहां बुद्धि अपना कार्य छोड़ देता है। … Read more