मिठाई सबको प्यार होता है। नाना किस्म के मिठाई के फोटो देखकर हीं लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। शायद हीं ऐसा कोई होता है जिसे स्वादिष्ट मिठाइयां स्वादिष्ट ना लगे। कुछ शारीरिक मजबूरी के कारण पसंद होने के बाद भी मिठाई से दूर रहते हैं। फिर भी आज के समय ऐसे मिठाई भी बाजार में उपलब्ध होता है जो एक बीमार व्यक्ति भी खा सकता है। जब भारत में त्यौहार नजदीक आता है तो सबके मन में स्वादिष्ट मिठाइयों का तस्वीर चक्र घूमने लगता है।

कुछ समय से यह मिठाई चक्र घूमता तो है , लोगों के मुंह में स्वादिष्ट मिठाई मुंह में पानी भी ला देता है। परंतु उसके बाद भी बहुत ऐसे लोगों को मिठाईयां से दूर रहना पड़ता है। इसका कारण बीमारी अथवा शारीरिक मजबूरियां नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण लालची , चंद पैसों के लिए आम जनमानस के स्वास्थ्य से या सीधे शब्दों में कहें की जीवन से खिलवाड़ करने के लिए मिलावटी मिठाइयां तैयार करते हैं। यह मिलावट कितना हानिकारक होता है अथवा जानलेवा होता है यह सभी मिठाई खाने वाले बखूबी समझते हैं।
मिलावटी मिठाइयों के कारण शुद्ध स्वादिष्ट भी खाने में आनंद नहीं देता
स्वादिष्ट मिठाइयां खाकर व्यक्ति तृप्त होता है, आनंदित होता है। मिठाई बाजार में महंगे हो उससे कोई दिक्कत नहीं, व्यक्ति थोड़ा खाकर आनंदित हो लेगा। परंतु मिलावट खोरों का देश के इतने बड़े महोत्सव के ऊपर रंग में भंग डालने के बराबर है। पहले महोत्सव स्वादिष्ट व्यंजन के लिए जाना जाता था, लोग इंतजार करते थे आने वाले महोत्सव में जमकर स्वादिष्ट मिठाइयों का आनंद लिया जाएगा। परंतु आज यह स्थिति है मिठाई सामने है परंतु खाने का हिम्मत नहीं होता। क्योंकि मिलावट खोरों ने जिंदगी के साथ खिलौने के रूप में स्वादिष्ट मिठाइयों को रसहीन कर दिया। कितना भी स्वादिष्ट उत्तम से उत्तम मिष्ठान हो अब व्यक्ति उतना आकर्षित नहीं होता।
प्रशासन को मिलावट खोरों के लिए सख्त से सख्त कानून बनना चाहिए
निश्चित तौर पर मिलावट खोरों के लिए कड़े से कड़े सजा का प्रावधान होना चाहिए। इसमें करीब से देखा जाए तो स्टेट गवर्नमेंट और सेंट्रल गवर्नमेंट दोनों का ही असफलता नजर आता है। वैसे मिलावट खोरों के लिए अनेक नियम कानून है। परंतु यह सब को पता है प्रशासन भ्रष्टाचार का शिकार है। सभी नियम कानून रहते हुए भी मिलावट खोर भ्रष्टाचार का सहारा लेकर छूट जाते हैं और वापस फिर बड़े स्तर से मिलावट खोरी का धंधा चालू करते हैं।
यह बात सरकार को पता है कि प्रशासन में भ्रष्टाचार है इससे कोई जानकारी नहीं सकता। ऐसे में सरकार को मिलावट खोरों के लिए अर्थ दंड से कहीं ज्यादा मृत्यु दंड तक का प्रावधान होना चाहिए। क्योंकि किसी के जीवन से खिलवाड़ करना भी हत्या की श्रेणी में आता है। क्योंकि फूड प्वाइजन से जो मृत्यु होता है सरकार के पास अलग से कोई आंकड़ा नहीं होता। नहीं तो फूड प्वाइजन से संबंधित दोषियों के ऊपर कारवाई हो तो आंकड़ा भी सामने आ जाएगा। जब खाने में जहर मिलाने पर मृत्यु दंड मिल सकता है तो फिर जहर युक्त खाना खिलाने पर मृत्यु दंड क्यों नहीं मिल सकता। सरकार को जल्द से जल्द ऐसा नियम बनाना चाहिए जिससे नीचे से नीचे अस्तर के व्यक्ति भी एक अच्छा और पौष्टिक आहार ले सके।

मिलावटी मिठाइयों से सावधान रहें
मैं अपने पाठक मित्रों के साथ, संपूर्ण देशवासियों से आग्रह करता हूं कि ऐसे मिलावट खोरों के व्यंजन से दूर रहे। यह मिलावट करके आपके जीवन से खेल रहे हैं। कृपया आप अपने जीवन को उनके हाथों खेलने ना दे। जब कोई बड़ा उत्सव आता है तो नाना प्रकार के व्यंजन खाने का दिल करता है। जाहिर सी बात है जीवन है और आनंद, खाना भी एक बहुत बड़ा आनंद जारिया है। परंतु यदि जीवन ही नहीं होगा तो मेरे मित्र भविष्य में खाने का आनंद नहीं आएगा।
खाने में मसाले काम हो, नमक कम हो, शक्कर कम हो अथवा और कुछ आपके अनुसार से ना हो तो उसे जीवन का नुकसान नहीं होता। परंतु उत्तम स्वादिष्ट की इच्छा में यदि जहर मिश्रित व्यंजन खाया जाए तो वह मौत के तरफ आगे बढ़ने के बराबर है। शरीर विटामिन युक्त एनर्जी से चलता है, यदि पेट का फंक्शन गड़बड़ हो जाए तो मित्रों शरीर के प्रत्येक अंगों पर फर्क पड़ता है।
जो मंत्री लोग अथवा बहुत बड़े पूंजीपति ऊंची ऊंची कुर्सियों पर बैठे हुए हैं। उन्हें आपके जीवन और मृत्यु से भी कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्हें आपके सुख और दुख से भी कोई फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि करीब से देखेंगे तो पता चलेगा वह अपने आप को आपके श्रेणी का मानते ही नहीं। यदि किसी प्रकार कहीं मिलावट खोरों के माध्यम से उन्हें कुछ हिस्सा पहुंचता होगा तो फिर यह भी उनके लिए फायदेमंद वाली बात है। ऐसे में वे आपके लिए क्यों सोचेंगे। इसलिए मित्रों आपसे आग्रह है कि अपने जीवन को बचाए मिलावट से युक्त व्यंजन अथवा मिष्ठान से दूर रहे।
हंसते रहे,स्वस्थ रहें,आनंदित रहें। महोत्सव आपके लिए और संपूर्ण देशवासियों के लिए आनंदमय हो। इसी के साथ आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
नम्र निवेदन –
यह लेख आपको कैसा लगा कृपया अपना विचार व्यक्त करें ।’ वेबसाइट का एक महत्वपूर्ण पहल है जो हर विषय को एक नए दृष्टिकोण से विश्लेषित करती है। हर वाक्य और विचार एक नए पहलू प्रकट करने की कोशिश है, जिससे पाठकों को अधिक समझने और विचार का मौका मिलता है। लेख के किसी भाग में जाने/ अनजाने से कोई शाब्दिक त्रुटि हो, उसके लिए हम अपनें तरफ से खेद प्रकट करते हैं। साथ हीं पाठक महोदय से आग्रह करते हैं कि आप त्रुटि दर्शायें अथवा अपना विचार साझा करें । आपका विचार और समय हमारे लिए महत्वपूर्ण है , बहुमूल्य समय देने के लिए विशेष धन्यवाद!
Bahut badhiya ji……👌