क्या मानव चिड़िया बनकर आनंद उठा सकता है, चिड़िया का वास्तविक जीवन कैसा होता है, एक चिड़िया का दर्द कोई मानव नहीं समझ सकता क्यों?

मानव चिड़िया को उड़ते हुए देखकर वैसा ही उड़ना चाहता है। मानव का मन उड़ता हुआ पंछी कहा गया है जो इस डाल पर कब बैठेगा कोई नहीं जानता। दिल को छू लेने वाला लेख कृपया अंत तक पढ़े।
एक चिड़िया बैठी डाल पर, काश मैं भी इंसान होती, तुम मुझे यूं बार-बार उड़कर खाना खाने के लिए ना जाना पड़ता। मैं भी अपने घर में बहुत बड़ा खाने का भंडार रखा करती।
काश मेरे पास भी एक एटीएम कार्ड होता, मेरे बैंक अकाउंट में बहुत सारे पैसे होते, तो मैं तो सिर्फ पेड़ पर उड़कर ही खेला करती।
इसी सोच में चिड़िया के पेट में दर्द होने लगा, चिड़िया सोच में पड़ गई, यह पेट का दर्द कैसा है। फिर थोड़ा उछल कर देखती है और फिर उसे आभास होता है, कि मेरे पेट तो भूख से दर्द कर रहे हैं।
एक चिड़िया के वास्तविक जीवन
चिड़िया चल पड़ती है खाने को,
बेचारी चिड़िया क्या करें खोजबीन कर रही है दाने को।
जैसे तैसे पेट भर चिड़िया आ गई वापस डाली को।
क्या करें चिड़िया ,चिड़िया तो चिड़िया है परेशान है अपने खाने को।
पूरा दिन चिड़िया परेशान रहती है यूं हींजीवन जीने को,
रात हुई, मानो कयामत आई, चिड़िया परेशान हुई,
क्या करें चिड़िया, मजबूर है बिना दाना पानी के रात गुजारने को।
सुबह का आभास हुआ नहीं की, प्रभास की लाली देख चिड़िया,
चिड़िया ने गाना गाया चिड़िया का दिल गुनगुनाया, मानो परमेश्वर ने नई जिंदगी ले आया।
क्या करे चिड़िया, चिड़िया तो चिड़िया है यूं ही जीवन जीना है,
और एक दिन बिना वारिस के लावारिस पड़े,
यह संसार छोड़ चले जाना है।
एक मानव चिड़िया का दर्द कोई नहीं समझ सकता
चिड़िया का दर्द मानव क्या समझे उसे तो अपने आनंद की फिक्र है।एक चिड़िया इंसान के सपने देखती, और अफसोस इंसान चिड़ियों के सपने देखता। काश परमेश्वर ने मेरे पंख बनाए होते, मैं भी फुदक फुदक कर, इस दुनिया से इस दुनिया में जाया करता।
वास्तव में इस प्रकृति में जो भी जीव है सबकी अपनी-अपनी परेशानी है, एक पेड़ है जिसे कोई भी आता है और काट जाता है, पेड़ खामोश यूं ही मायूस पड़ा रहता है ।
कहते हैं पेट भरने के बाद, बाघ और शेर भी किसी के ऊपर हमले नहीं करते। परंतु यह इंसान ही ऐसा जीव है, जो सब कुछ होने के बाद भी हमले पर हमले करता है, और सोचता है काश मैं भी चिड़िया होता, फुदक फुदक कर इस दुनिया से इस दुनिया में जाया करता।
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