अतीत के ऊपर वर्तमान बना है , वर्तमान के ऊपर भविष्य बनेगा। वर्तमान को मजबूत बनाना है एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए।

वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करना और इसे मजबूत बनाना ही भविष्य की नींव रखता है। अतीत से सीखकर और वर्तमान में सक्रिय रहते हुए, हम एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में सकारात्मक कार्य, सही निर्णय और आत्मविकास महत्वपूर्ण हैं।