भारत में संयुक्त परिवार की अपनी एक विशिष्ट पहचान है। यह पारंपरिक रूप से भारतीय समाज की एक महत्वपूर्ण संरचना रही है। संयुक्त परिवार में कई पीढ़ियों के सदस्य एक साथ रहते हैं, जैसे माता-पिता, बच्चे, दादा-दादी, चाचा-चाची, आदि। इसमें पारस्परिक सहयोग, सम्मान, और सामूहिक जिम्मेदारियों पर जोर दिया जाता है।संयुक्त परिवार का लाभ यह है कि परिवार के सभी सदस्य एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं, खासकर बच्चों और बुजुर्गों का। इसमें वित्तीय और भावनात्मक समर्थन का भी एक मजबूत तंत्र होता है, क्योंकि सभी सदस्य एक ही छत के नीचे रहते हैं। भारतीय संस्कृति में यह परिवार मॉडल स्थिरता और सहयोग का प्रतीक माना जाता है।हालांकि, आधुनिक समय में, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और जीवनशैली की बदलती मांगों के कारण एकल परिवारों की ओर रुझान बढ़ रहा है, लेकिन संयुक्त परिवार अभी भी कई स्थानों पर प्रमुख भूमिका निभाता है।